होम लोन लाभ के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेटर (पुरानी व्यवस्था)
फाइनेंशियल वर्ष: 2024 - 2025
कुल इनकम टैक्स लाभ रु. 0.00 है
होम लोन से पहले देय इनकम टैक्स
होम लोन के बाद देय इनकम टैक्स
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इनकम टैक्स कैलकुलेटर क्या है?
कुछ निश्चित इनकम टैक्स स्लैब के तहत आने वाले व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों को हर फाइनेंशियल वर्ष इनकम टैक्स चुकाना होता है. इसके लिए, आपको इनकम टैक्स की गणना करने का तरीका पता होना चाहिए. हालांकि आप मैनुअल असेसमेंट कर सकते हैं, पर उसमें गलतियां हो सकती हैं. बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने आपके लिए एक आसान डिजिटल इनकम टैक्स कैलकुलेटर बनाया है जिसका आप आसानी से उपयोग कर सकते हैं. यह ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर एक आसान और सुविधाजनक टूल है, जिसकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपको अनुमानित तौर पर कितना टैक्स देना होगा. इस कैलकुलेटर के परिणाम आपके द्वारा दर्ज आंकड़ों जैसे आपकी आय, छूट, और कटौतियों आदि पर निर्भर करते हैं
इनकम टैक्स कैलकुलेटर एक आसान ऑनलाइन फाइनेंशियल टूल है, जो आपको अपनी आय पर टैक्स की गणना करने में मदद करेगा. इसका इस्तेमाल आप मौजूदा वर्ष के लिए अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट को व्यवस्थित करने व तैयार करने के लिए कर सकते हैं. आप अपनी टैक्स बचत को अधिकतम करने के लिए भी ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं.
फाइनेंशियल वर्ष 2024-25 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स की ऑनलाइन गणना करने के लिए, बस अपनी वार्षिक आय और लागू टैक्स कटौतियां दर्ज करें. कैलकुलेटर परिणामों को तुरंत प्रोसेस करेगा और आपको दिखाएगा कि आप कौन से टैक्स लाभ प्राप्त कर सकते हैं..
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वित्तीय वर्ष 2024-25 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें
हमारे ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करने के लिए इन चरणों का पालन करें:
चरण 1: बुनियादी विवरण दर्ज करें
ड्रॉपडाउन मेनू से, उस फाइनेंशियल वर्ष को चुनें जिसके लिए आप अपने इनकम टैक्स की गणना करना चाहते हैं. फिर, कुछ बुनियादी विवरण दर्ज करें, जैसे- आपका आयु वर्ग, निवास का शहर, आय का स्रोत, घर का प्रकार और किराया आदि.
चरण 2: आय का विवरण प्रदान करें
अपनी आय का विवरण सावधानी से प्रदान करें. किराए की आय, बचत ब्याज़ और डिपॉजिट पर ब्याज़ जैसे अन्य स्रोतों की आय के साथ अपनी बुनियादी सेलरी दर्ज करें
चरण 3: अपनी छूट जोड़ें
डियरनेस अलाउंस (DA), HRA, स्पेशल अलाउंस और EPF कंट्रीब्यूशन जैसे अपनी सभी छूट का विवरण जोड़ें
चरण 4: अपना कैपिटल गेन दर्ज करें
आपको इक्विटी इन्वेस्टमेंट, डेट इन्वेस्टमेंट, अनलिस्टेड शेयर और रियल एस्टेट की बिक्री के माध्यम से फाइनेंशियल वर्ष में अर्जित अपने सभी कैपिटल गेन का विवरण प्रदान करना होगा
चरण 5: कटौतियां जोड़ें
इस फील्ड में, आपको सेक्शन 80सी, 80डी, 80जी, 80ई, 80टीटीए आदि के तहत लागू टैक्स बचाने वाले सभी इंस्ट्रूमेंट (जैसे टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, पीपीएफ, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम, ईएलएसएस और चैरिटी में किए गए दान आदि) का विवरण प्रदान करना होगा. इसके अलावा, आप एजुकेशन लोन ब्याज के रूप में भुगतान की गई राशि, किराए की प्रॉपर्टी पर होम लोन ब्याज और स्व-अधिकृत प्रॉपर्टी के लिए होम लोन ब्याज के रूप में जोड़ सकते हैं
चरण 6: परिणाम देखें
'जारी रखें' बटन पर क्लिक करें. आप देख सकेंगे कि आपकी कुल टैक्स योग्य आय कितनी है और आपको चुनी गई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत कुल कितने टैक्स का भुगतान करना होगा.
फाइनेंशियल वर्ष 2024-25 (एवाई 2025-26) के लिए नए और पुरानी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब दरें
नए केंद्रीय बजट एफवाई 2024-25 के अनुसार, दो टैक्स व्यवस्थाओं और उनकी इनकम टैक्स स्लैब दरों की जानकारी यहां दी गई है:
बजट 2024 में घोषित नई इनकम टैक्स स्लैब दरें
शुद्ध वार्षिक टैक्स-योग्य आय | नई टैक्स व्यवस्था (छूट और कटौतियों को छोड़कर) | पुरानी टैक्स व्यवस्था (छूट और कटौतियों सहित) |
---|---|---|
रु.2.5 लाख तक | छूट | छूट |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | छूट | 5% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 5% | 5% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 5% | 20% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 10% | 20% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 15% | 20% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 15% | 30% |
रु. 2.5 लाख से रु. 3 लाख तक | 20% | 30% |
रु. 15 लाख से अधिक | 30% | 30% |
60 से 80 वर्ष (एफवाय 2024-25) की आयु के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब | पुरानी व्यवस्था के तहत दरें (60 वर्ष) | पुरानी व्यवस्था के तहत दरें (60 वर्ष) | नई व्यवस्था के तहत दरें |
---|---|---|---|
रु.2.5 लाख तक | शून्य | शून्य | शून्य |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 5.00% | शून्य | 5.00% |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 20.00% | 20.00% | 5.00% |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 20.00% | 20.00% | 10.00% |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 20.00% | 20.00% | 15.00% |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 30.00% | 30.00% | 15.00% |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 30.00% | 30.00% | 20.00% |
रु. 15 लाख से अधिक | 30.00% | 30.00% | 30.00% |
कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी की गणना कैसे करें?
ऑनलाइन इनकम-टैक्स गणना से कुल देय इनकम टैक्स पता करते समय, टैक्स कैलकुलेटर में इनके बारे में सही डेटा दर्ज करें:
- लाभ/सेलरी से आपकी कुल वार्षिक आय
- इन्वेस्टमेंट, किराये और अन्य स्रोतों से आय
- टैक्स छूट, अगर लागू हों
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस और हाउस रेंट
इन्हें भरने के बाद, आप अपनी कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी देख पाएंगे. अगर आपकी सेलरी से टीडीएस अपने-आप कटता है, तो आप फॉर्म 26एएस देख सकते हैं जो टीडीएस कैलकुलेटर का काम करता है.
चालान 280 के माध्यम से ऑनलाइन सबमिट की जाने वाली राशि जानने के लिए बस इतना करें कि कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी से टीडीएस घटा दें. अगर आप कुल टैक्स लायबिलिटी से अधिक भुगतान करते हैं, तो सरकार आपके द्वारा इनकम टैक्स फाइल किए जाने से एक महीने के भीतर अतिरिक्त राशि आपको लौटा देगी.
अगर आप देय तिथि के बाद आईटी रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको सेक्शन 234एफ के तहत ज़ुर्माना और सेक्शन 234ए के तहत ब्याज देना होगा. देय तिथियां आपके आय के स्रोत के आधार पर भिन्न हो सकती हैं. अगर आप कार्यरत हैं और वेतन अर्जित कर रहे हैं, तो मूल्यांकन वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की देय तिथि 31 जुलाई है.
टैक्स सेविंग का एक आसान तरीका इन्वेस्ट करना है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस में, हम आपको प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर हाउसिंग लोन और प्रॉपर्टी पर लोन प्रदान करके आपके फाइनेंशियल और पर्सनल लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं.
2024-25 में विभिन्न सेक्शन के तहत कुल आय पर कटौती
कुल इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट चेक करें:
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सेक्शन 87ए
अगर किसी करदाता की आय ₹5 लाख से कम है, तो व्यक्ति पुरानी कर व्यवस्था के अनुसार ₹12,500 तक की टैक्स छूट के लिए पात्र होगा. नए टैक्स व्यवस्था के तहत, रु. 7 लाख तक की आय के लिए रु. 25,000 तक की छूट उपलब्ध है
-
सेक्शन 80C
टैक्सपेयर टैक्स-सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूएलआईपी) और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में किए गए इन्वेस्टमेंट के लिए रु. 1.5 लाख तक की छूट के लिए पात्र है.
-
सेक्शन 80सीसीडी (1बी)
करदाता राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में अपने इन्वेस्टमेंट के लिए कुल ₹50,000 तक का अतिरिक्त टैक्स-कटौती प्राप्त कर सकता है.
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सेक्शन 80D
एक करदाता मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम बिल के लिए रु. 25,000 तक की टैक्स छूट के लिए पात्र है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए, अधिकतम सीमा रु. 50,000 है. इस सेक्शन के तहत आप अधिकतम ₹1 लाख की कटौती का लाभ उठा सकते हैं.
-
सेक्शन 80जी
इस सेक्शन के तहत चैरिटी के लिए किए गए दान पूरी तरह से टैक्स मुक्त हैं.
-
सेक्शन 80E
8 वर्षों तक के एजुकेशन लोन के लिए भुगतान किए गए ब्याज पर 100% टैक्स छूट लागू होती है.
-
सेक्शन 80 टीटीए/80 टीटीबी
सेविंग अकाउंट से रु. 10,000 तक की ब्याज आय, टैक्स कटौती के लिए पात्र होगी. सीनियर सिटीज़न सेक्शन 80टीटीबी के तहत रु. 50,000 तक की टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं.
-
सेक्शन 80GG
घर के किराए का भुगतान करने के लिए खर्च की गई आय टैक्स मुक्त होती है. यह सेक्शन तब लागू होगा, जब आपको अपने नियोक्ता से एचआरए के लाभ प्राप्त नहीं हुए हों..
*नियम व शर्तें लागू.
अस्वीकरण
यह कैलकुलेटर केवल सामान्य सूचना प्रयोजनों के लिए प्रदान किया गया है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कैलकुलेटर से प्राप्त परिणाम आपके द्वारा दर्ज की गई जानकारी के आधार पर केवल अनुमान हैं और वर्तमान में लागू कानूनों और सरकारी दिशानिर्देशों के आधार पर परिवर्तन के अधीन रहते हैं. लेकिन, बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ('बीएचएफएल') जानकारी को अपडेट रखने का कोई दायित्व नहीं लेता. यूज़र्स को वेबसाइट में निहित सूचना के आधार पर कदम उठाने से पहले स्वतंत्र कानूनी और पेशेवर सलाह लेने की सलाह दी जाती है. उपरोक्त जानकारी पर निर्भर करना हमेशा यूज़र की एकमात्र ज़िम्मेदारी एवं निर्णय रहेगा और यूज़र इस जानकारी के आधार पर उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रकार के जोखिम की पूरी ज़िम्मेदारी उठाएंगे.
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इनकम टैक्स कैलकुलेटर - आम प्रश्न
इनकम टैक्स की गणना सीखना एक महत्वपूर्ण कौशल है. इनकम टैक्स की गणना कुछ ऐसे की जाती है:
- अपने वेतन, हाउस प्रॉपर्टी या कैपिटल गेन से अपनी कुल इनकम की गणना करें या पता लगाएं
- इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस पर कटौती जैसी छूटों और कटौतियों को घटाकर अपनी शुद्ध टैक्स-योग्य आय की गणना करें.
टैक्स गणना के लिए, फाइनेंशियल वर्ष की पात्र कुल छूट और कुल इनकम टैक्स की गणना करें. आप जिन भी क्रेडिट के पात्र हों उन्हें शामिल न करें. टैक्स गणना से पहले आपको इनकम टैक्स के विभिन्न घटकों के बारे में जानना चाहिए. लागू इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स योग्य आय पर इनकम टैक्स की गणना की जाती है. सटीक आंकड़े पर पहुंचने का सबसे आसान तरीका यह है कि इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके अपने इनकम टैक्स की गणना करें.
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कई प्रकार की आय को छूट मिलती है. इन्हें टैक्स-फ्री आय के स्रोत कहते हैं. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- कृषिगत आय
- शेयर और म्यूचुअल फंड से लाभांश आय
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या पृथक्करण के दौरान मिला भुगतान
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त भविष्य निधि से मिला धन
- सरकारी कर्मचारी को मिली कोई भी ग्रेच्युटी राशि
- पेंशन के रूपांतरण से मिला कोई भी भुगतान
- हिन्दू अविभाजित परिवार से मिली प्राप्तियां
- पार्टनरशिप फर्म या एलएलपी से मिले शेयर
- एनआरआई द्वारा अर्जित कुछ स्रोत या प्राप्तियां
- भारत में विदेशियों द्वारा अर्जित आय और प्राप्तियां
अगर आप इनकम टैक्स के लिए पात्र हैं, तो आप जिस इनकम का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं उसे निर्धारित करने के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करें.
व्यक्तियों और हिंदू अविभक्त परिवारों के लिए अधिकतम गैर-कर योग्य आय सीमा रु. 3 लाख है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी यही है. साथ ही, फाइनेंशियल वर्ष 2023-24 से शुरू करते हुए, रु. 7 लाख से कम आय वाले लोगों को टैक्स छूट दी जाती है. 80 वर्ष से अधिक के सुपर सीनियर सिटीज़न को रु. 5 लाख तक की वार्षिक कुल आय का कोई टैक्स या फाइल रिटर्न नहीं देना होगा
अपना इनकम टैक्स रिटर्न ई-फाइल करने के लिए आपको ये जानकारी और डॉक्यूमेंट चाहिए होंगे:
- आपके आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर और आपके वर्तमान एड्रेस प्रूफ की जानकारी
- आपके नाम पर जितने भी बैंक अकाउंट हैं उन सभी की फाइनेंशियल वर्ष विशेष की जानकारी
- आय के प्रूफ, जैसे सेलरी स्लिप, और इन्वेस्टमेंट से हुई आय की जानकारी, जैसे सेविंग बैंक अकाउंट, एफडी आदि पर ब्याज
- इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 या चैप्टर vi-ए के तहत क्लेम की गईं सभी कटौतियां
- टैक्स भुगतानों की जानकारी, जैसे एडवांस टैक्स भुगतान और टीडीएस
अपनी सुविधा के लिए, सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट तैयार रखें. एडवांस टैक्स की गणना करें और टीडीएस कैलकुलेटर से इनकम टैक्स की गणना करें.
इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करने के कई लाभ हैं. इनमें से कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं:
- इससे इलेक्ट्रॉनिक टैक्स रिफंड आसान हो जाते हैं
- यह त्रुटियों को कम करता है
- यह आय और एड्रेस के प्रूफ का काम करता है
- इससे आपको अपनी हानि, अगले असेसमेंट वर्ष में ले जाने में मदद मिलती है
- ऑनलाइन फाइल करके लेट पेनल्टी से आसानी से बचा जा सकता है
- इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करना कहीं अधिक सुरक्षित है और गोपनीय है
- आपको इंश्योरेंस मिल सकता है, और वीज़ा प्रोसेसिंग में लाभ मिल सकता है
- इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करना बहुत तेज़ है
- आपको तुरंत कन्फर्मेशन रसीद मिलती है और रियल-टाइम अपडेट भी मिलते हैं
- इससे, इनकम टैक्स फाइलिंग के लिए सीए या वकील आदि की फीस भी बचती है. अपनी सहायता के लिए, टीडीएस कैलकुलेटर से टैक्स की गणना करें
इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके से आपको वह पैसा बचाने में मदद मिलती है, जो आपने इनकम टैक्स फाइल करने के लिए प्रोफेशनल पर खर्च किया होगा. अधिक सहायता के लिए, टैक्स की गणना के लिए टीडीएस कैलकुलेटर का उपयोग करें.
अगर आपको सेलरी के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से भी आय होती है तो एडवांस टैक्स देय होता है. इसमें किराया, कैपिटल गेन, लॉटरी जीतना व कई अन्य स्रोत शामिल हैं. एडवांस टैक्स की गणना करने के लिए, फाइनेंशियल वर्ष में लागू इनकम टैक्स स्लैब दर का उपयोग करें. नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- कैपिटल गेन, पेशेवर आय, किराये और अन्य स्रोतों से आय का अनुमान लगाएं
- कुल टैक्स-योग्य आय पता करने के लिए ऊपर वाले योग में वेतन से आय जोड़ें
- आप पर लागू इनकम टैक्स स्लैब का उपयोग करें
- टीडीएस स्लैब के अनुसार टीडीएस काटें
अगर आपकी आय रु. 5 लाख से रु. 10 लाख के बीच है, तो आपको सरकार को अपनी टैक्स योग्य आय का 20% भुगतान करना होगा.
अगर आपकी आय रु. 10 लाख तक है, तो आपको सरकार को अपनी टैक्सेबल आय का 20% भुगतान करना होगा.
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
रु. 3,00,000 तक | शून्य |
₹3,00,000 से ₹6,00,000 | ₹3,00,000 से अधिक की आय पर 5% |
₹3,00,000 से ₹6,00,000 | रु. 6,00,000 से अधिक आय पर रु. 15,000 + 10% |
₹3,00,000 से ₹6,00,000 | रु. 6,00,000 से अधिक आय पर रु. 15,000 + 10% |
रु. 2,00,000 से रु. 15,00,000 | रु. 6,00,000 से अधिक आय पर रु. 15,000 + 10% |
रु. 15,00,000 से अधिक | रु. 1,50,000 + रु. 15,00,000 से अधिक आय पर 30% |
60 से 80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
₹ 3 लाख | शून्य |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 5.00% |
₹5 लाख - ₹10 लाख | 20.00% |
रु. 10 लाख और अधिक | 30.00% |
80 वर्षों से अधिक आयु के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
रु. 0 - रु. 5 लाख | शून्य |
₹5 लाख - ₹10 लाख | 20.00% |
रु. 15 लाख से अधिक | 30.00% |
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