होम लोन लाभ के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेटर (पुरानी व्यवस्था)
फाइनेंशियल वर्ष: 2025 - 2026
रु. 0.00 के होम लोन के साथ कुल इनकम टैक्स लाभ
होम लोन के बिना देय इनकम टैक्स
होम लोन के साथ देय इनकम टैक्स
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डिस्क्लेमर: 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए गणना.
इनकम टैक्स कैलकुलेटर क्या है?
कुछ निश्चित इनकम टैक्स स्लैब के तहत आने वाले व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों को हर फाइनेंशियल वर्ष इनकम टैक्स चुकाना होता है. इसके लिए, आपको इनकम टैक्स की गणना करने का तरीका पता होना चाहिए. हालांकि, आप मैनुअल असेसमेंट कर सकते हैं, लेकिन इससे गलतियां हो सकती हैं. बजाज हाउसिंग फाइनेंस आपको एक आसान डिजिटल इनकम टैक्स कैलकुलेटर प्रदान करता है, जिसका उपयोग आप आसानी से कर सकते हैं.
यह ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर आसान और सुविधाजनक टूल है, जो आपके होम लोन पर मिलने वाले अनुमानित टैक्स लाभ का अनुमान लगाने के लिए बनाया गया है. अगर आप होम लोन भरते हैं और फाइनेंशियल वर्ष 2025-26 और वार्षिक वर्ष 2026-27 के लिए ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेट करना चाहते हैं, तो बस कुछ ही जानकारी जैसे कि लिंग, वार्षिक आय, होम लोन पर चुकाया गया ब्याज और मूलधन दर्ज करते हुए आप यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर एक आसान ऑनलाइन फाइनेंशियल टूल है, जो आय पर होने वाले टैक्स लाभ को कैलकुलेट करने में मदद कर सकता है. यह कुल टैक्स लाभ राशि सहित, होम लोन प्राप्त करने से पहले और बाद में देय टैक्स प्रदर्शित करता है.
होम लोन से जुड़े सभी प्रकार के कैलकुलेटर
एफवाई 2025-26 (एवाई 2026-27) के लिए बजाज हाउसिंग फाइनेंस इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?
हमारे ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करने के लिए इन चरणों का पालन करें:
चरण 1: कैलकुलेटर सेक्शन में, अपना लिंग चुनें.
चरण 2: आय का सटीक विवरण प्रदान करें. अपनी मूल सैलरी के साथ-साथ अन्य स्रोतों से आपको होने वाली आय भी दर्ज करें, जैसे - किराए से मिलने वाली आय, बचत व डिपॉज़िट पर ब्याज. ध्यान दें कि टैक्स लाभ की गणना करने के लिए वार्षिक आय रु. 2,50,000 से अधिक होनी चाहिए, क्योंकि रु. 2,50,000 से कम की वार्षिक आय टैक्स छूट के लिए पात्र नहीं है.
चरण 3: होम लोन पर भुगतान की गई ब्याज राशि दर्ज करें.
चरण 4: होम लोन पर चुकाई गई मूलधन राशि दर्ज करें.
इनकम टैक्स कैलकुलेटर कुल टैक्स लाभ, होम लोन का लाभ उठाने से पहले देय टैक्स, और होम लोन लेने के बाद देय टैक्स को तुरंत दिखाएगा.
फाइनेंशियल वर्ष 2025-26 (एवाई 2026-27) के लिए नए और पुरानी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब दरें
नवीनतम केंद्रीय बजट 2025 के अनुसार, दो टैक्स व्यवस्थाओं और उनकी इनकम टैक्स स्लैब दरों का विवरण यहां दिया गया है:
बजट 2025 में घोषित नई इनकम टैक्स स्लैब दरें
शुद्ध वार्षिक टैक्स-योग्य आय | नई टैक्स व्यवस्था (छूट और कटौतियों को छोड़कर) | पुरानी टैक्स व्यवस्था (छूट और कटौतियों सहित) |
---|---|---|
रु.2.5 लाख तक | छूट | छूट |
रु. 2.5 लाख से रु. 4 लाख तक | छूट | 5% |
रु. 4 लाख से रु. 5 लाख तक | 5% | 5% |
रु. 5 लाख से रु. 8 लाख तक | 5% | 20% |
रु. 8 लाख से रु. 10 लाख तक | 10% | 20% |
रु. 10 लाख से रु. 12 लाख तक | 10% | 30% |
रु. 12 लाख से रु. 16 लाख तक | 15% | 30% |
रु. 16 लाख से रु. 20 लाख तक | 20% | 30% |
रु. 20 लाख से रु. 24 लाख तक | 25% | 30% |
रु. 24 लाख से अधिक | 30% | 30% |
60 से 80 वर्ष की आयु के बीच के सीनियर सिटीज़न के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब | इनकम टैक्स की दरें |
---|---|
रु.3 लाख तक | शून्य |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 5% |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20% |
रु. 10 लाख से अधिक | 30% |
कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी की गणना कैसे करें?
ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर के माध्यम से देय कुल इनकम टैक्स निर्धारित करते समय, टैक्स कैलकुलेटर में निम्नलिखित के बारे में सटीक डेटा दर्ज करें:
- लाभ/सेलरी से आपकी कुल वार्षिक आय
- इन्वेस्टमेंट, किराये और अन्य स्रोतों से आय
- टैक्स छूट, अगर लागू हों
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस और हाउस रेंट
इन्हें भरने के बाद, आप अपनी कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी देख पाएंगे. अगर आपकी सेलरी से टीडीएस ऑटोमैटिक रूप से काटा जाता है, तो आप फॉर्म 26एएस चेक कर सकते हैं, जो टीडीएस कैलकुलेटर के रूप में कार्य करता है.
चालान 280 के माध्यम से ऑनलाइन सबमिट की जाने वाली राशि जानने के लिए बस इतना करें कि कुल इनकम टैक्स लायबिलिटी से टीडीएस घटा दें. अगर आप कुल टैक्स लायबिलिटी से अधिक भुगतान करते हैं, तो सरकार आपके द्वारा इनकम टैक्स फाइल किए जाने से एक महीने के भीतर अतिरिक्त राशि आपको लौटा देगी.
अगर आप देय तिथि के बाद आईटी रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको सेक्शन 234एफ के तहत ज़ुर्माना और सेक्शन 234ए के तहत ब्याज देना होगा. देय तिथियां आपके आय के स्रोत के आधार पर भिन्न हो सकती हैं. अगर आप कार्यरत हैं और वेतन अर्जित कर रहे हैं, तो मूल्यांकन वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की देय तिथि 31 जुलाई है.
इन्वेस्टमेंट करना, टैक्स बचाने का आसान तरीका है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस में हम आपको किफायती ब्याज दर पर होम लोन और प्रॉपर्टी पर लोन देकर आपके आर्थिक और निजी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद देते हैं.
फाइनेंशियल वर्ष 2025-26 में लागू विभिन्न सेक्शन के तहत कुल आय पर कटौती
कुल इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट चेक करें:
-
सेक्शन 87ए
अगर किसी टैक्सपेयर की आय रु. 5 लाख से कम है, तो वह व्यक्ति टैक्स की पुरानी व्यवस्था के अनुसार रु. 12,500 तक की टैक्स छूट के लिए पात्र होंगे. रु. 12 लाख तक की टैक्स योग्य आय वाले व्यक्ति सेक्शन 87A के तहत छूट का क्लेम कर सकते हैं, जो अपनी इनकम टैक्स देयता को शून्य तक प्रभावी रूप से कम करता है.
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सेक्शन 80C
टैक्स-सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में किए गए इन्वेस्टमेंट के लिए टैक्सपेयर रु. 1.5 लाख तक की छूट के लिए पात्र हैं.
-
सेक्शन 80सीसीडी (1बी)
टैक्सपेयर राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में अपने इन्वेस्टमेंट के लिए कुल रु. 50,000 लाख तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी कुल लिमिट रु. 2 लाख होती है.
-
सेक्शन 80D
नॉन-सीनियर टैक्सपेयर मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम बिल के लिए रु. 25,000 तक की टैक्स छूट के लिए पात्र हैं. सीनियर सिटीज़न के लिए, अधिकतम लिमिट रु. 50,000 है. इस सेक्शन के तहत रु. 1 लाख तक की अधिकतम कटौती का लाभ उठाया जा सकता है.
-
सेक्शन 80जी
इस सेक्शन के तहत चैरिटी के लिए किए गए दान पूरी तरह से टैक्स मुक्त हैं.
-
सेक्शन 80E
8 वर्षों तक एजुकेशन लोन के लिए भुगतान किए गए ब्याज पर 100% टैक्स छूट लागू होती है.
-
Section 80TTA/80TTB
सेविंग अकाउंट से रु. 10,000 तक की ब्याज आय, टैक्स कटौती के लिए पात्र होगी. सीनियर सिटीज़न सेक्शन 80टीटीबी के तहत रु. 50,000 तक की टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं.
-
सेक्शन 80GG
घर के किराए का भुगतान करने के लिए खर्च की गई आय टैक्स मुक्त होती है. यह सेक्शन तब लागू होगा, जब आपको अपने नियोक्ता से एचआरए के लाभ प्राप्त नहीं हुए हों..
*नियम व शर्तें लागू.
अस्वीकरण
यह कैलकुलेटर केवल सामान्य सूचना प्रयोजनों के लिए प्रदान किया गया है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए. कैलकुलेटर से प्राप्त परिणाम आपके द्वारा दर्ज की गई जानकारी के आधार पर केवल अनुमान हैं और वर्तमान में लागू कानूनों और सरकारी दिशानिर्देशों के आधार पर परिवर्तन के अधीन रहते हैं. लेकिन, बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ('बीएचएफएल') जानकारी को अपडेट रखने का कोई दायित्व नहीं लेता. यूज़र्स को वेबसाइट में निहित सूचना के आधार पर कदम उठाने से पहले स्वतंत्र कानूनी और पेशेवर सलाह लेने की सलाह दी जाती है. उपरोक्त जानकारी पर निर्भर करना हमेशा यूज़र की एकमात्र ज़िम्मेदारी एवं निर्णय रहेगा और यूज़र इस जानकारी के आधार पर उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रकार के जोखिम की पूरी ज़िम्मेदारी उठाएंगे.
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इनकम टैक्स कैलकुलेटर - आम प्रश्न
इनकम टैक्स की गणना कुछ ऐसे की जाती है:
- अपने वेतन, हाउस प्रॉपर्टी या कैपिटल गेन से अपनी कुल इनकम की गणना करें या पता लगाएं.
- इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस पर कटौती जैसी छूटों और कटौतियों को घटाकर अपनी शुद्ध टैक्स-योग्य आय की गणना करें.
टैक्स गणना के लिए, फाइनेंशियल वर्ष की पात्र कुल छूट और कुल इनकम टैक्स की गणना करें. आप जिन भी क्रेडिट के पात्र हों उन्हें शामिल न करें. टैक्स गणना से पहले आपको इनकम टैक्स के विभिन्न घटकों के बारे में जानना चाहिए. लागू इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स योग्य आय पर इनकम टैक्स की गणना की जाती है. सटीक आंकड़े पर पहुंचने का सबसे आसान तरीका यह है कि इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके अपने इनकम टैक्स की गणना करें. आप होम लोन लेने के बाद प्राप्त होने वाले टैक्स लाभ की गणना करने के लिए हमारे इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं.
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत कई प्रकार की आय पर छूट दी जाती है. इन्हें टैक्स-फ्री इनकम स्रोत कहते हैं. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- कृषिगत आय
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या पृथक्करण के दौरान मिला भुगतान
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रोविडेंट फंड से प्राप्त फंड
- सरकारी कर्मचारी को मिली कोई भी ग्रेच्युटी राशि
- पेंशन के रूपांतरण से मिला कोई भी भुगतान
- हिन्दू अविभाजित परिवार से मिली प्राप्तियां
- पार्टनरशिप फर्म या एलएलपी से मिले शेयर
- एनआरआई द्वारा अर्जित कुछ स्रोत या प्राप्तियां
- भारत में विदेशियों द्वारा अर्जित आय और प्राप्तियां
अगर आप इनकम टैक्स के किसी स्लैब में आते हैं, तो इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद से जानें कि आपको कितना इनकम टैक्स देना होगा.
व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए अधिकतम नॉन-टैक्स योग्य आय सीमा रु. 4 लाख है और सीनियर सिटीज़न के लिए भी समान है. सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट, रु. 12 लाख की कुल आय वाले व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है. सीनियर सिटीज़न्स जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, उन्हें रु. 5 लाख तक की कुल वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होता या रिटर्न फाइल नहीं करना होता.
अपना इनकम टैक्स रिटर्न ई-फाइल करने के लिए आपको ये जानकारी और डॉक्यूमेंट चाहिए होंगे:
- आपके आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर और आपके वर्तमान एड्रेस प्रूफ की जानकारी
- आपके नाम पर जितने भी बैंक अकाउंट हैं उन सभी की फाइनेंशियल वर्ष विशेष की जानकारी
- आय के प्रूफ, जैसे सेलरी स्लिप, और इन्वेस्टमेंट से हुई आय की जानकारी, जैसे सेविंग बैंक अकाउंट, एफडी आदि पर ब्याज
- इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80 या चैप्टर VI-A के तहत क्लेम की गई सभी कटौतियां
- टैक्स भुगतानों की जानकारी, जैसे एडवांस टैक्स भुगतान और टीडीएस
अपनी सुविधा के लिए, सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट तैयार रखें. एडवांस टैक्स की गणना करें और इनकम टैक्स की गणना के लिए टीडीएस कैलकुलेटर का उपयोग करें.
इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करने के कई लाभ हैं. इनमें से कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं:
- इससे इलेक्ट्रॉनिक टैक्स रिफंड आसान हो जाते हैं.
- इससे गलतियां कम होती हैं.
- यह आय और एड्रेस के प्रूफ का काम करता है.
- इससे आपको अपनी हानि, अगले असेसमेंट वर्ष में ले जाने में मदद मिलती है.
- ऑनलाइन फाइल करके लेट पेनल्टी से आसानी से बचा जा सकता है.
- इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करना कहीं अधिक सुरक्षित है और गोपनीय है.
- आपको इंश्योरेंस मिल सकता है, और वीज़ा प्रोसेसिंग में लाभ मिल सकता है.
- इनकम टैक्स ऑनलाइन फाइल करना बहुत तेज़ है.
- आपको तुरंत कन्फर्मेशन रसीद मिलती है, और यह रियल-टाइम अपडेट प्रदान करती है.
- टैक्स की गणना के लिए टीडीएस कैलकुलेटर का उपयोग करें, क्योंकि यह आपको इनकम टैक्स फाइल करने के लिए प्रोफेशनल पर खर्च की जाने वाली राशि को बचाने में मदद करता है.
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के इनकम टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके, होम लोन लेने से होने वाली बचत राशि की गणना की जा सकती है. अपने इनकम टैक्स लाभ की गणना करने के लिए, आपको बस अपनी वार्षिक आय, भुगतान की गई ब्याज की राशि और होम लोन पर चुकाई गई मूलधन राशि दर्ज करनी होगी.
अगर आपको वेतन छोड़कर अन्य स्रोतों से भी आय होती है तो एडवांस टैक्स देय होता है. इसमें किराया, पूंजीगत लाभ लॉटरी जीतना व कई अन्य स्रोत शामिल हैं. एडवांस टैक्स की गणना करने के लिए, फाइनेंशियल वर्ष में लागू इनकम टैक्स स्लैब दर का उपयोग करें. नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- कैपिटल गेन, पेशेवर आय, किराये और अन्य स्रोतों से आय का अनुमान लगाएं.
- कुल टैक्स-योग्य आय पता करने के लिए ऊपर वाले योग में वेतन से आय जोड़ें.
- आप पर लागू इनकम टैक्स स्लैब का उपयोग करें.
- टीडीएस स्लैब के अनुसार टीडीएस काटें.
नई टैक्स व्यवस्था के तहत, अगर आपकी आय रु. 4 लाख से रु. 8 लाख के बीच होती है, तो आपको इनकम टैक्स के रूप में अपनी टैक्स योग्य आय का 5% भुगतान करना होगा.
अगर आपकी आय रु. 8 लाख से रु. 12 लाख तक होती है, तो आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत अपनी आय का 10% टैक्स के रूप में भुगतान करना होगा.
निम्नलिखित टेबल में एफवाई 2025-26 के लिए टैक्स स्लैब दिखाए गए हैं:
60 वर्ष से कम आयु के टैक्स दाताओं के लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत नए इनकम टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
रु. 4,00,000 तक | शून्य |
रु. 4,00,000 से रु. 8,00,000 | 5% |
रु. 8,00,001 से रु. 12,00,000 | 10% |
रु. 12,00,001 से रु. 16,00,000 | 15% |
रु. 16,00,001 से रु. 20,00,000 | 20% |
रु. 20,00,001 से रु. 24,00,000 | 25% |
₹24,00,000 से अधिक | 30% |
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
₹ 3 लाख | शून्य |
₹3 लाख – ₹5 लाख | 5% |
रु. 5 लाख - रु. 10 लाख | 20% |
रु. 10 लाख और उससे अधिक | 30% |
टैक्स स्लैब | दरें |
---|---|
रु.2.5 लाख तक | शून्य |
रु. 2.5 लाख - रु. 3 लाख | शून्य |
रु. 3 लाख - रु. 5 लाख | शून्य |
रु. 5 लाख - रु. 10 लाख | 20% |
रु. 10 लाख से अधिक | 30% |
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