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स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर

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आपकी प्रॉपर्टी पर स्टाम्प ड्यूटी ₹. 0

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स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की संक्षिप्त जानकारी

बजाज हाउसिंग फाइनेंस स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर एक सुविधाजनक ऑनलाइन टूल है जिसका उपयोग आप किसी भी राज्य में प्रॉपर्टी खरीदते समय भुगतान किए जाने वाले स्टाम्प ड्यूटी शुल्क का अनुमान लगाने के लिए कर सकते हैं.  

भारत में, लगभग सभी प्रॉपर्टी ट्रांज़ैक्शन में स्टाम्प ड्यूटी की एक निश्चित राशि शामिल रहती है. यह रियल एस्टेट के ट्रांसफर पर संबंधित राज्य सरकार द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स है और अलग-अलग राज्य में अलग-अलग हो सकता है.

कुछ राज्य विशेष रूप से महिला खरीदारों के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर छूट प्रदान करते हैं, जबकि कुछ मेट्रो सेस के रूप में अतिरिक्त शुल्क लगाते हैं. इसलिए, किसी विशेष राज्य में प्रॉपर्टी के स्टाम्प ड्यूटी की गणना करने और इसका बेहतर अनुमान प्राप्त करने के लिए स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है​​

स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर_डब्ल्यूसी का उपयोग करने के चरण

स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का ऑनलाइन उपयोग कैसे करें?

अगर आप भारत में प्रॉपर्टी खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं, तो आपके मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न आया होगा कि स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे करें. आप इसे ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर की मदद से आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं, जिसे इस्तेमाल करना काफी सरल और आसान है. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना करने के लिए इन चरणों का पालन करें.

चरण 1:. अपना राज्य दर्ज करें.

चरण 2: अपनी प्रॉपर्टी की वैल्यू दर्ज करने के लिए स्लाइडर का उपयोग करें.

चरण 3: स्टाम्प ड्यूटी और दर दिखाई देगी.

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स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क क्या हैं?

प्रॉपर्टी के खरीदारों से शुल्क के रूप में एक निश्चित राशि ली जाती है जिसके बदले प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट की रजिस्ट्री सरकार अपने रिकॉर्ड में रखती है. इस शुल्क को रजिस्ट्रेशन शुल्क कहा जाता है. प्रॉपर्टी की ट्रांज़ैक्शन वैल्यू के आधार पर राज्य सरकार द्वारा लगाई जाने वाली फीस को स्टाम्प ड्यूटी कहते हैं, जबकि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क वह राशि होती है जिसका भुगतान प्रॉपर्टी का मालिक प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए सरकार को करता है. आमतौर पर, खरीदारों को प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में प्रॉपर्टी की कुल मार्केट वैल्यू के 1% का भुगतान करना होता है. हालांकि, यह शुल्क राज्यों और प्रॉपर्टी के अनुसार अलग-अलग हो सकता है.

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स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना कैसे की जाती है?

स्टाम्प ड्यूटी दरों का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है और इसलिए, वे पूरे देश में अलग-अलग होती हैं, और यह दर प्रॉपर्टी की वैल्यू के 3% से 10% तक हो सकती है. प्रॉपर्टी का स्थान, मालिक की आयु और लिंग, प्रॉपर्टी का उपयोग और प्रॉपर्टी का प्रकार कुछ ऐसे कारक हैं जो स्टाम्प ड्यूटी की दरों को प्रभावित करते हैं. आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली अनुमानित राशि जानने के लिए, हमारे स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें.

प्रॉपर्टी पर स्टाम्प ड्यूटी के अलावा, आपको रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होता है, जिसे आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और यह पूरे राज्य में एक समान होता है. आमतौर पर, प्रॉपर्टी की कुल मार्केट वैल्यू का 1% रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में लिया जाता है. हालांकि, यह शुल्क प्रॉपर्टी के प्रकार और राज्य के आधार पर अलग-अलग हो सकता है.

स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेशन फॉर्मूला का उपयोग करने के बारे में जानने के लिए निम्न उदाहरण देखें:​

​​​उदाहरण​​

प्रॉपर्टी की लागत: रु. 60 लाख​​

​​​दिल्ली में स्टाम्प ड्यूटी दर: 6%​​

​​​देय स्टाम्प ड्यूटी: रु. 60 लाख का 6% = रु.3.6 लाख​​

​​​देय रजिस्ट्रेशन शुल्क: रु. 60 लाख का 1 % = रु. 60,000​​

​​​यहां, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में देय कुल राशि रु. 4,20,000 होगी​​.

स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर_डब्ल्यूसी का उपयोग करने के लाभ

ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर के लाभ

बजाज हाउसिंग फाइनेंस स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर आपको रु. 10 करोड़ तक की सभी प्रॉपर्टी के लिए राज्य-वार सटीक गणना प्रदान करता है. पहले से ही वैल्यू की गणना करके, आप अपने खर्चों का अनुमान लगा सकते हैं.

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क्या होम लोन लेते समय उसमें प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क शामिल होते हैं?

क्योंकि स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रॉपर्टी की कीमत पर लगाए जाते हैं, इसलिए उन्हें होम लोन की स्वीकृत राशि में शामिल नहीं किया जाता. इनका भुगतान खरीदार द्वारा ही किया जाता है और इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि घर खरीदने के लिए भारत में होम लोन लेने से पहले उसके लिए अच्छी तरह से प्लानिंग की जाए.

tax benefit on stamp duty and registration charges_wc

स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर टैक्स लाभ

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80-सी के तहत स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क टैक्स छूट के लिए पात्र हैं. आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय इस छूट का क्लेम कर सकते हैं और अधिकतम ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.

प्रॉपर्टी के एक से अधिक मालिक होने के मामले में, सह-मालिक प्रॉपर्टी में अपने शेयरों के आधार पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. हालांकि, ₹1.5 लाख की अधिकतम लिमिट, सेक्शन 80सी के तहत यहां भी लागू होगी.

how to pay stamp duty charges_wc

स्टाम्प ड्यूटी शुल्क का भुगतान कैसे करें

स्टाम्प ड्यूटी एक टैक्स है, जिसका भुगतान आपको किसी भी प्रॉपर्टी के ट्रांज़ैक्शन के दौरान करना होता है. घर खरीदने वाले व्यक्ति बताए गए किसी भी तरीके से ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान पूरा कर सकते हैं:

फिज़िकल स्टाम्प पेपर: स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने के सबसे सामान्य तरीकों में से एक फिज़िकल स्टाम्प पेपर है, जो घर खरीदने वाले व्यक्ति अधिकृत विक्रेताओं से खरीद सकते हैं. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बारे में आवश्यक जानकारी इस पेपर में दर्ज है. यहां, इस स्टाम्प पेपर की लागत लागू स्टाम्प ड्यूटी के बराबर है. ध्यान दें कि अगर स्टाम्प ड्यूटी अधिक है, तो यह विधि असुविधाजनक हो सकती है, क्योंकि आपको कई स्टाम्प पेपर खरीदने होंगे.

फ्रैंकिंग: आप स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने के लिए फ्रैंकिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए, आपको एक ऐसे अधिकृत फ्रैंकिंग एजेंट से संपर्क करना होगा, जो आपके प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट को कानूनी रूप से मान्य बनाने के लिए स्टाम्प प्रदान करेंगे. अधिकांश लेंडर घर खरीदने वाले लोगों को फ्रैंकिंग एजेंट की सेवाएं ऑफर करते हैं. अगर आप इस तरीके का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको न्यूनतम शुल्क और अतिरिक्त फ्रैंकिंग शुल्क का भुगतान करना होगा, जो कि एजेंट द्वारा लगाया जाता है.

ई-स्टाम्पिंग: स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने के सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक है ई-स्टाम्पिंग, जिसे SHCIL वेबसाइट (Stock Holding Corporation of India) के माध्यम से ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है. ध्यान दें कि यह सेवा केवल कुछ राज्यों में ही उपलब्ध है और आपका राज्य वेबसाइट पर तभी दिखाई देगा, जब यह सेवा उपलब्ध हो. आप वहां उपलब्ध एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं और इसे डाउनलोड कर सकते हैं. फिर, आपको दर्ज राशि के साथ कलेक्शन सेंटर में फॉर्म सबमिट करना होगा. राशि का भुगतान होने के बाद, आपको यूआईएन के साथ ई-स्टाम्प सर्टिफिकेशन प्राप्त होगा.

भारत के विभिन्न शहरों में स्टाम्प ड्यूटी शुल्क_डब्ल्यूसी

भारत के विभिन्न शहरों में स्टाम्प ड्यूटी शुल्क

राज्य ​​स्टाम्प ड्यूटी दर​
​​हरियाणा ​​पुरुष: 7%
महिला: 5%​
​​कर्नाटक ​​5% (प्रॉपर्टी वैल्यू रु. 35 लाख से ज़्यादा)
3% (प्रॉपर्टी वैल्यू रु. 21 लाख से रु. 35 लाख)
2% (प्रॉपर्टी वैल्यू रु. 20 लाख से कम)​
​​महाराष्ट्र​ 6%
​​ओडिशा​ पुरुष: 5%
महिला: 4%​
पंजाब​ ​​पुरुष: 7%
महिला: 5%​
तमिलनाडु​ ​​7%​
​​तेलंगाना​ ​​5%​
उत्तर प्रदेश​ ​​7%​
​​उत्तराखंड​ ​​5%​
​​पश्चिम बंगाल​ ​​7% (प्रॉपर्टी वैल्यू रु. 40 लाख तक)
8% (प्रॉपर्टी वैल्यू रु. 40 लाख से ज़्यादा)​
राजस्थान​ ​​पुरुष: 7%
महिला: 5%​
मध्य प्रदेश​ ​​7.50%​
​​केरल​ ​​8%​
गुजरात​ ​​4.9%​
​​छत्तीसगढ​ ​​पुरुष: 7%
महिला: 6%​
​​आंध्र प्रदेश​ ​​5%​

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स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क के भुगतान के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

अगर आप घर खरीदने वाले हैं, तो आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करते समय निम्नलिखित डॉक्यूमेंट प्रदान करने होंगे:

  • सेल एग्रीमेंट
  • सेल डीड (विक्रय विलेख)
  • खाता सर्टिफिकेट
  • हाउसिंग प्रोजेक्ट के मामले में, आपको सोसायटी शेयर सर्टिफिकेट, सोसायटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अपार्टमेंट एसोसिएशन से प्राप्त एनओसी की फोटोकॉपी देनी होगी
  • निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के मामले में, आपको बिल्डर से स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, बिल्डर-खरीदार एग्रीमेंट और कब्जा पत्र प्रस्तुत करना होगा
  • भूमि खरीदने के मामले में, आपको भू-मालिक के मालिकाना डॉक्यूमेंट, अधिकार और किरायदारी के अभिलेख, या 7/12 एक्सट्रैक्ट एंड कन्वर्ज़न ऑर्डर प्रदान करने होंगे
  • जॉइंट डेवलपमेंट प्रॉपर्टी के मामले में, आपको भू-मालिक और बिल्डर के बीच एक डेवलपमेंट एग्रीमेंट और जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट रजिस्टर करना होगा
  • रीसेल वाली प्रॉपर्टी के मामले में, सभी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की कॉपी की आवश्यकता होती है
  • पिछले तीन महीनों में भुगतान किए गए टैक्स की रसीद
  • नए बैंक स्टेटमेंट
  • एनकम्बरेंस (ऋणभार) सर्टिफिकेट
  • अगर लागू हो, तो पावर ऑफ अटॉर्नी

स्टाम्प ड्यूटी शुल्क बचाने के सुझाव

स्टाम्प ड्यूटी शुल्क बचाने के सुझाव

इसे प्राप्त करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • संयुक्त स्वामित्व: परिवार के सदस्य या पति/पत्नी के साथ संयुक्त स्वामित्व पर विचार करें. दोनों पक्षों के बीच स्टाम्प ड्यूटी लायबिलिटी शेयर की जा सकती है.
  • होम लोन: अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, तो आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर कटौती का क्लेम कर सकते हैं.
  • 'सह-मालिक के रूप में महिलाओं' की कैटेगरी के तहत रजिस्ट्रेशन: कुछ राज्य महिला प्रॉपर्टी मालिकों के लिए कम स्टाम्प ड्यूटी दरों का शुल्क लेते हैं.

प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टाम्प ड्यूटी शुल्क कम करने के लिए इन सुझावों पर विचार करते समय हमेशा कानूनी और नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करें.

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अस्वीकरण

ये दरें सांकेतिक हैं और कानूनों और सरकारी दिशानिर्देशों के आधार पर बदलाव के अधीन हैं. लेकिन, बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ('बीएचएफएल') जानकारी को अपडेट रखने का कोई दायित्व नहीं लेता. यूज़र्स को वेबसाइट में निहित सूचना के आधार पर कदम उठाने से पहले स्वतंत्र कानूनी और पेशेवर सलाह लेने की सलाह दी जाती है. उपरोक्त जानकारी पर निर्भर करना हमेशा यूज़र की एकमात्र ज़िम्मेदारी एवं निर्णय रहेगा और यूज़र इस जानकारी के आधार पर उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रकार के जोखिम की पूरी ज़िम्मेदारी उठाएंगे.

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स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर के बारे में सामान्य प्रश्न

स्टाम्प ड्यूटी शुल्क हर राज्य में अलग-अलग होते हैं और आमतौर पर यह शुल्क संबंधित नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित स्थानीय रेडी रेकनर दर/सर्कल दर के आधार पर होते हैं. यही कारण है कि भुगतान किया जाने वाला स्टाम्प ड्यूटी शुल्क सभी के लिए एक समान राशि का नहीं होता है, और इसके बजाय यह प्रॉपर्टी की वैल्यू के प्रतिशत पर आधारित होता है.

घर खरीदने वाले लोगों को अपनी प्रॉपर्टी रजिस्टर करते समय उचित सरकारी प्राधिकरण में अपने स्टाम्प ड्यूटी शुल्क का भुगतान करना होता है. स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान होने और प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के बाद, आपकी प्रॉपर्टी का स्वामित्व पूरा माना जाएगा.

स्टाम्प ड्यूटी एक कानूनी दायित्व है, जिसका भुगतान घर खरीदने वाले सभी लोगों और मालिकों को प्रॉपर्टी खरीदने की लागत के तौर पर सरकार को करना होता है. ऐसे व्यक्तियों को सख्त कानूनी परिणाम भुगतने पड़ते हैं जो इससे बचने का प्रयास करते हैं. हालांकि, चुनिंदा भारतीय राज्यों में घर खरीदने वाले लोगों के पास महिला के नाम पर अपनी प्रॉपर्टी रजिस्टर करने का विकल्प होता है, जिससे स्टाम्प ड्यूटी में छूट का लाभ मिलता है.

स्टाम्प ड्यूटी वह शुल्क है जिसका भुगतान आप प्रॉपर्टी के मालिक होने की लागत के तौर पर सरकार को एक बार के खर्च के रूप में करते हैं. इस शुल्क को वापस नहीं किया जा सकता क्योंकि यह शुल्क ट्रांज़ैक्शन पर लिया जाता है.

आप अपनी प्रॉपर्टी खरीद पर जिस जीएसटी का भुगतान करते हैं, वह स्टाम्प ड्यूटी शुल्क से अलग है. आमतौर पर, जीएसटी निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर लगाई जाती है, और प्रॉपर्टी के स्वामित्व के ट्रांसफर पर स्टाम्प ड्यूटी शुल्क लगाया जाता है.

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